आजकल हमें किसी नई जगह जाना हो और हमें रास्ता पता न हो तो हम GPS यानी कि ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम के सहारे जाते हैं। इस फीचर वाले ऐप्स जैसे कि Google Maps, Here Map आदि के जरिए हम दुनिया भर में कहीं भी नेविगेट कर सकते हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) भी GPS की तरह ही 'नाविक' ग्लोबल पोजिशनिंग टेक्नोलॉजी डेवलप कर रहा है। इस तकनीक को इस साल के अंत तक रिलीज किया जाएगा, जो आपको स्मार्टफोन से लेकर अन्य पोजिशनिंग डिवाइस के द्वारा एक्सेस किया जा सकेगा।
आपको बता दें कि GPS को अमेरिकी वैज्ञानिकों ने डेवलप किया था। आज इसकी मदद से दुनिया भर में कहीं भी जाया जा सकता है। टेक्नोलॉजी कंपनी Qualcomm ने ISRO द्वारा विकसित इस टेक्नोलॉजी का परीक्षण पूरा कर लिया है। इसका नाम नेविगेशन विद इंडियन कॉन्सटेलेशन (नाविक) सिस्टम रखा गया है, जो कि ISRO के सैटेलाइट के जरिए काम करता है। इसे भारतीय उपमहाद्वीप में GPS के विकल्प के तौर पर विकसित किया गया है।
इस सिस्टम को नई दिल्ली में आयोजित टेक्नोलॉजी के महाकुंभ IMC 2019 में शोकेस किया गया है। ISRO ने कहा कि Qualcomm ने इस तकनीक को अपने चिपसेट के लिए खरीदा है। ये इस साल नवंबर से मोबाइल निर्माता कंपनियों के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा। Qualcomm दुनिया की पहली कंपनी है, जिसने ISRO की इस तकनीक को खरीदा है। इस तकनीक के जरिए भारतीय उपमहाद्वीप की भौगोलिक स्तिथि का पता लगाया जा सकेगा।